आशा वर्कर ने मांगों पर सीएमओ आफिस का घेराव सौंपा ज्ञापन
U-मानदेय बढ़ाने, नौकरी से निकालने की धमकी, भुगतान में देरी पर थी भड़की
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। सीएमओ ऑफिस में सोमवार को सैकड़ों आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गईं। जमकर नारेबाजी की। सीएमओ ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों का ज्ञापन शासन में भेजा जा रहा है। इसके बाद भी आशा वर्कर्स शांत नहीं हुईं और उनका धरना लगातार जारी रहा।
उनकी मांगों में सर्वप्रथम वेतन बढ़ाकर 15 से 20 हजार रुपए किया जाए। आशा वर्कर्स धूप, बरसात और कड़ाके की ठंड में लगातार काम करती हैं। इसके बावजूद उन्हें कम पैसे मिलते हैं। कईयों को 6 से 7 महीने से वेतन नहीं मिला, तत्काल वेतन भुगतान किया जाए। आशा को स्थायी किया जाए। उन्होंने कहा टुकड़ों में भुगतान किया जाता है, वह भी पूरा नहीं मिलता। घर या खुद की तबीयत खराब होने पर अधिकारियों द्वारा काम से निकालने की धमकी दी जाती है। कम वेतन के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सरकार बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, लेकिन इतने कम मानदेय में बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए। मानदेय बढ़ाया जाए, ताकि वे अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर अधिकारी बना सकें। जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। अपनी मांगों को लेकर सैकड़ों आशा वर्कर्स सोमवार को सड़क पर उतर आईं। अपनी मांगों को लेकर पैदल मार्च निकालते हुए सीएमओ ऑफिस कैंपस कांशीराम हॉस्पिटल में एकजुट होकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
आशा वर्कर्स ने कहा, हमारी प्रमुख मांगें आशा वर्कर्स को 45/46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप राज्य स्वास्थ्य कर्मी का दर्जा देकर न्यूनतम वेतन, मातृत्व अवकाश, ईएसआई, भविष्यनिधि, ग्रेच्युटी और पेंशन, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, 50 लाख का जीवन बीमा गारंटी, आशा कर्मियों के काम के घंटे तय करें। 2017 से अब तक लंबित भुगतानों को पूर्ण करने समेत अन्य जब तक पूरी नहीं होंगी, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस दौरान सीएमओ हरिदत्त नेमी ने आशा वर्कर्स का ज्ञापन लिया और कहा कि समय से सैलरी दी जा रही। आशा बहुओं ने स्थायी करने की मांग की है। इनका मांग पत्र लेकर शासन को भेज दिया जाएगा। यह सब शासन के हाथ में है, उनकी मांगों पर फैसला शासन से होगा।