निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने निकाली मोटर बाईक रैली |
-रैली मे राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन केस्को एवं कानपुर जोन के अवर अभियंता भी हुए सम्मिलित |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | बिजली के निजीकरण के विरोध में आज सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विशाल बाइक रैली निकालकर बिजली कर्मियों ने आंदोलन प्रारंभ कर दिया। आंदोलन के अगले चरण में 02 मई से 07 दिन तक राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन किया जाएगा। ज्ञापन दो अभियान के अंतर्गत आज शिवपाल सिंह यादव सहित कई जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया गया।
संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण की दृष्टि से बड़े पैमाने पर सभी विद्युत वितरण निगमों से संविदा कर्मियों को हटाए जाने का आदेश तत्काल वापस लिया जाए ।संघर्ष समिति ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की मांग करते हुए कहा कि अत्यंत अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मियों को जिनमें से कई लोग अपंग भी हो चुके हैं ,उन्हें इस तरह हटाया जाना अमानवीय है किसी भी तरह उचित नहीं है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में विगत पांच महीने से बिजली महा पंचायत,विरोध सभाओं और लखनऊ में विशाल रैली के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षण करने के बाद आज से बिजली कर्मियों ने आंदोलन प्रारंभ कर दिया है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष विद्युत नियामक आयोग को पत्र लिखकर फर्जी दस्तावेज देने वाले कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन से मीटिंग करने के लिए कह रहे हैं किंतु उन्होंने आज तक संघर्ष समिति से वार्ता तक करना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा की संघर्ष समिति के साथ 05 अप्रैल 2018 और 06 अक्टूबर 2020 को दो समझौते हुए हैं जिसमें स्पष्ट लिखा है कि बिजली कर्मियों को विश्वास में लिए बिना ऊर्जा क्षेत्र में कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। अब 42 जनपदों के विद्युत वितरण का किया जा रहा निजीकरण इन दोनों समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह समझौते वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ हुए हैं। संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बिजली कर्मी लगातार बिजली व्यवस्था के सुधार में लगे हुए हैं किंतु निजीकरण का राग छेड़कर और संघर्ष समिति से कोई वार्ता न कर पावर कॉरपोरेशन ने इस भीषण गर्मी में टकराव का वातावरण बना दिया है।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बहुत अनुशासित ढंग से विशाल बाइक रैली निकाली गई। बाइक रैली में बिजली कर्मी निजीकरण के विरोध में बैनर लिए हुए थे और बिजली कर्मियों के हेलमेट और मोटरसाइकिल पर निजीकरण से होने वाले नुकसान के स्टीकर लगे हुए थे।
संघर्ष समिति ने बताया की 02 मई से एक सप्ताह तक शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन होगा। 02 मई को संघर्ष समिति के घटक संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारी और आम बिजली कर्मी अनशन पर बैठेंगे। समर्थन में उत्तराखंड के बिजली कर्मचारी और अभियंता भी सम्मिलित होंगे। 03 मई को केस्को और कानपुर क्षेत्र के बिजली कर्मी,04 मई को दक्षिणांचल के बिजली कर्मी, 05 मई को पूर्वांचल के बिजली कर्मी, 06 मई को परियोजनाओं के बिजली कर्मी,07 मई को मध्यांचल के बिजली कर्मी और 08 मई को पश्चिमांचल के बिजली कर्मी क्रमिक अनशन में भाग लेंगे। लखनऊ के बिजली कर्मी प्रतिदिन अनशन में रहेंगे।प्रत्येक दिन अन्य प्रांतों के बिजली कर्मी भी समर्थन में क्रमिक अनशन में शामिल होगा!