कृपा शंकर तिवारी की काव्यकृति बिखरे मोती का विमोचन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। सरस्वती ज्ञान मन्दिर इण्टर कालेज आजाद नगर में पर्यावरण विकास संस्थान व विकासिका के संयुक्त तत्वाधान में स्मृतिशेष कृपा शंकर तिवारी की काव्यकृति 'बिखरे मोती' का विमोचन हुआ। इस अवसर पर कविता पाठ व पुस्तक के मुख्य अंशों की समीक्षा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लक्ष्मीकान्त पाण्डेय ने कहा कि पुस्तक में सम्मिलत कवितायें उस दौर की है जब कि तिवारी जी अपने विद्यार्थी काल से आगे निकलकर अध्यापन जीवन में प्रवेश कर रहे थे, आज के करीब 80 वर्ष पूर्व की परिस्थितियां कितनी भिन्न रही होगी जब समाज के तत्तकालीन स्वरूप का वर्णन कविता के कई स्वरूपों में किया गया है कविता लेखन में अपने शोककाल में भी समाज के दर्द की वेदना को रेखाकिंत किया है। कार्यकम के विशिष्ट अतिथि उमेश शुक्ला ने कहा कि 'बिखरे मोती' कृपा शंकर तिवारी की अनमोल कृति है कविता के विभिन्न हिस्सों को पुस्तक के रूप में संकलित कराकर उनके परिवारजनों विशेष रूप से वीरेन्द्र मोहन तिवारी ने अपने पिता को सच्ची श्रद्धाजंलि दी है, पुस्तक जो कि पिता की विरासत थी उसको समाज को समर्पित करके साहित्य जगत पर उपकार किया है। कार्यकम में श्यामदेव सिंह ने कहा कि पुस्तक के कई अंश इस तरह से रचित है कि आने वाली पीढ़ी और युवा समाज उससे बहुत कुछ सीख सकता है। अपने अध्यक्षीय उदबोधन में सिद्धनाथ त्रिपाठी ने पुस्तक को साहित्य की अमूल्य धरोहर बताया। इस अवसर पर अतिथियों को शाल उड़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मनित किया गया। कार्यक्रम का संचालन पूर्णिमा त्रिपाठी ने किया एवं आभार पी० पी० एन० कालेज के पूर्व प्राचार्य डा० जहान सिंह ने किया।
प्रमुख रूप से दा0 किशोर मिश्रा विनोद तिवारी, सुरेंद्र गुप्ता 'सीकर, दा0 शशि शुक्ला, अंजु शुक्ला, अनिल त्रिपाण, कृष्ण कांत त्रिपाल, सर्वेश कुमार पांडे, दिनेश चंद्र त्रिपाठी, अधियाचना पिरामिड बाजपेई, शिवनारायण शर्मा, राजेश शर्मा, दा0 रेडी श्याम मिश्र, भारतेंदुपुरी मुकेश मिश्रा, दण्डिय स्वामी रामानंद आश्रम, प्रभु श्री कृष्ण आदि उपस्थित रहे।