विश्व जनसंख्या दिवस पर UPUMS, सैफई में आयोजित हुई जनजागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस इटावा।विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (UPUMS), सैफई के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण और स्थिरीकरण के विषय पर जनजागरूकता कार्यक्रमों की एक व्यापक श्रृंखला का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) संदीप कुमार के मार्गदर्शन में तथा डॉ. एस. के. शुक्ला, डॉ. विद्या रानी, डॉ. धीरज कुमार श्रीवास्तव, डॉ. रश्मि भुजाड़े एवं डॉ. गगनदीप कौर के निर्देशन में शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (UHTC), इटावा एवं ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (RHTC), सैफई में आयोजित किए गए।
कार्यक्रम का उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों पर जनचेतना फैलाना तथा आम नागरिकों को सरकार द्वारा संचालित परिवार नियोजन सेवाओं एवं योजनाओं के प्रति जागरूक करना रहा।
RHTC, सैफई में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. आलोक ने कहा, “सरकार की जनसंख्या स्थिरीकरण नीतियाँ अपनाकर हम जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित कर सकते हैं और सामाजिक संतुलन बनाए रख सकते हैं।” डॉ. ईशा ने अपने वक्तव्य में कहा, “महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार नियोजन के प्रति जागरूक एवं सशक्त बनाना, जनसंख्या नियंत्रण का सबसे सशक्त माध्यम है।” वहीं डॉ. शिवम ने कहा, “‘छोटा परिवार, सुखी परिवार’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक मार्गदर्शन है, जिसे अपनाकर हम आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य दे सकते हैं।”
UHTC, इटावा में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. सिद्धांत ने कहा, “तेजी से बढ़ती जनसंख्या अब एक गंभीर चुनौती बन चुकी है, जो हमारे समाज, पर्यावरण और संसाधनों पर निरंतर दबाव बना रही है।” इस अवसर पर डॉ. निखिल, डॉ. निधि, डॉ. अक्षय सैनी, डॉ. धनंजय, डॉ. नीतू और डॉ. कृष्णा सहित अन्य चिकित्सकों ने भी अपने विचार रखे और समाधान सुझाए।
जनजागरूकता कार्यक्रमों में छात्रों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रतिभागियों ने न सिर्फ कार्यक्रम में सक्रियता दिखाई, बल्कि जनसंख्या से जुड़ी समस्याओं एवं समाधान पर गंभीरता से चर्चा भी की।
यह आयोजन सामुदायिक चिकित्सा विभाग, UPUMS द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किया गया, जो समाज में जनसंख्या नियंत्रण और स्थिरता जैसे ज्वलंत मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।