97,523 विद्यार्थियों के सपनों को मिली उड़ान,
-वित्तीय वर्ष 2024-25 में 140.42 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का हुआ भुगतान |
-शासन की मंशानुरूप छात्रवृत्ति योजनाओं का हो क्रियान्वयन : जिलाधिकारी |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर I शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं की तैयारियों के दृष्टिगत जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। बैठक में जनपद के 376 शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ विश्वविद्यालयों, समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनपद कानपुर नगर के 97,523 विद्यार्थियों को कुल 140 करोड़ 42 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। यह राशि छात्रों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से भेजी गई। समाज कल्याण विभाग द्वारा 45,456 विद्यार्थियों को 60 करोड़ 13 लाख रुपये, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा 45,202 विद्यार्थियों को 72 करोड़ रुपये तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा 6,865 विद्यार्थियों को 8 करोड़ 28 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गई जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी शिक्षण संस्थान संस्थान स्तर पर छात्रवृत्ति समिति का गठन करें तथा दो तकनीकी रूप से दक्ष नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें। छात्र की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति, गत वर्ष की उत्तीर्णता या प्रोन्नति तथा समस्त विवरणों का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए। त्रुटिपूर्ण विवरण या विलंब के कारण यदि कोई पात्र छात्र वंचित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित संस्थान की होगी। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छात्रवृत्ति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन लागू किए गए हैं। अब आवेदन केवल एक बार पंजीकरण (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) के माध्यम से किया जाएगा तथा केवल माता, पिता अथवा अभिभावक के नाम से जारी आय प्रमाण-पत्र मान्य होगा। छात्रों की पहचान की पुष्टि हेतु बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को भी अनिवार्य किया गया है। दशमोत्तर शिक्षण संस्थानों के लिए इस वर्ष से एनएएसी या एनबीए ग्रेडिंग अनिवार्य कर दी गई है। सभी संस्थानों को मास्टर डाटा का समयबद्ध संशोधन सुनिश्चित करने, छात्रवृत्ति आवेदन अंतिम तिथि की प्रतीक्षा किए बिना अग्रसारित करने तथा छात्रों के सत्यापन डाटा की आख्या विभाग को समय से उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए।बैठक में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए संचालित फ्रीशिप कार्ड योजना की जानकारी भी साझा की गई, जिसके अंतर्गत राजकीय एवं अनुदानित शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रवेश की सुविधा उपलब्ध होगी। यह सुविधा निजी शिक्षण संस्थानों में अनुमन्य नहीं होगी।जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशानुरूप छात्रवृत्ति योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता पाए जाने पर संबंधित संस्थान अथवा अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।