विशेषज्ञों ने मेडिकल साइंस में हो रहे नए बदलाव पर अपनी बातें की साझा
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर l इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर शाखा और मेदांता मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान मे एक सी०एम०ई० प्रोग्राम का आयोजन "ऑडिटोरियम, 'सेवा का मंदिर परेड में किया गयाइस सी०एम०ई० में प्रथम वक्ता डॉ. आर.के. शर्मा, निदेशक नेफ्रोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन, मेदांता अस्पताल, लखनऊ ने "कार्डियो रीनल मेटाबोलिक सिंड्रोम, सीकेडी प्रबंधन में प्रतिमान बदलाव विषय पर एवं द्वितीय वक्ता डॉ अभिषेक कुमार सिंह, निदेशक- मेडिकल ऑन्कोलॉजी, कैंसर संस्थान मेदांता अस्पताल, लखनऊ ने "इम्यूनोथेरेपीः कैंसर प्रबंधन में एक आदर्श बदलाव" विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राकेश कपूर, निदेशक यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी, किडनी & यूरोलॉजी इंस्टिट्यूट मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ थे आई०एम०ए० कानपुर की अध्यक्ष, डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने, कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इन बीमारियों की गम्भीरता के विषय में बताया। कार्यक्रम का संचालन, डॉ. गणेश शंकर वैज्ञानिक सचिव, आई.एम.ए. कानपुर ने किया एवं आज के विषय पर प्रकाश, डॉ ए.सी. अग्रवाल, चेयरमैन वैज्ञानिक सब कमेटी ने दिया, तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन आई.एम.ए. कानपुर के सचिव, डॉ विकास मिश्रा ने दिया। इस कार्यक्रम के चेयरपर्सन डॉ. अर्चना भदौरिया, डॉ. युवराज गुलाटी, डॉ. देशराज गुर्जर, डॉ. वसीम रजा, डॉ. पी के अग्रवाल एवं डॉ. दीप्ति मिश्रा कानपुर थे।इस कार्यक्रम में डॉ. कुणाल सहाय, उपाध्यक्ष, आई.एम.ए. कानपुर एवं डॉ कीर्ति वर्धन सिंह, संयुक्त वैज्ञानिक सचिव, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। तीन सत्रों में विभाजित इस आयोजन में विशेषज्ञों ने मेडिकल साइंस में हो रहे नए बदलावों पर अपनी बातें साझा की lवक्ताओं ने बताया कि सलग्न: कार्यक्रम की शुरुआत मेदांता लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर और यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर के उद्घाटन भाषण से हुई। उन्होंने कहा कि आज इलाज सिर्फ तकनीक के साथ-साथ दृष्टिकोण से तय हो रहा है। रोबोट की सहायता से अब कम समय से सटीक इलाज में मदद मिल रही है। हमें अब मरीज की पूरी लाइफ स्टाइल को समझकर उपचार का प्लान करना होता है। यही आज की चिकित्सा शिक्षा का मूल है। दूसरे सत्र में डॉ. राज कुमार शर्मा, निदेशक और विभागाध्यक्ष, नेफ्रोलॉजी एवं किडनी, मेदांता लखनऊ ने 'कार्डिओ-रीनल-मेटाबोलिक मैनेजमेंट सिंड्रोमः सीकेडी मैनेजमेंट में नया नज़रिया' विषय पर बात रखी। डॉ. शर्मा ने कहा कि क्रॉनिक किडनी डिज़ीज के इलाज में अब तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है और रोबोट इसमें कारगर साबित हो रहा है। हात किडनी और मेटाबॉलिज़्म के बीच जो आपसी संबंध हैं, उन्हें समझे बिना इलाज अधूरा है। यह बहु-आयामी दृष्टिकोण अब इलाज का नया मानक बन रहा है। अंतिम सत्र में डॉ. अभिषेक सिंह, निदेशक मेडिकल ऑन्कोलॉजी व हेमेटो ऑन्कोलॉजी, मेदांता लखनऊ ने 'इम्यूनोथेरेपी: कैंसर के इलाज में नया युग' विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि इम्यूनोथेरेपी में दवा के साथ-साथ सकारात्मक सोच महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। अब हम शरीर की अपनी प्रतिरक्षा को वैज्ञानिक ढंग से बदल कर कैंसर से लड़ रहे हैं। इसके ज़रिए न सिर्फ परिणाम बेहतर हो रहे हैं बल्कि दुष्प्रभाव भी कम हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में कानपुर के सीनियर फिजिशियन, और सर्जन बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस आयोजन के अंत में आपसी बातचीत के लिए एक अनौपचारिक सत्र रखा गया, जहां चिकित्सा से जुड़ी स्थानीय चुनौतियों और अनुभवों पर विचार साझा किए गए।
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